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मुंगेर में सांप के डसने की घटनाओं में इजाफा, जुलाई में सबसे ज्यादा मामले

ग्रामीण इलाकों में झाड़-फूंक पर भरोसा, समय पर इलाज नहीं मिलने से गई महिला की जान

मुंगेर: देशभर में हो रही भारी बारिश के कारण ज़मीन में पानी भर जाने से सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंचने लगे हैं। खेतों, झाड़ियों, तालाबों और यहां तक कि घरों के आसपास भी सांपों की सक्रियता बढ़ गई है। इसका नतीजा है कि इस मौसम में सांप के डसने की घटनाओं में तेज़ी देखी जा रही है।

मुंगेर के सदर अस्पताल के आंकड़े स्थिति की गंभीरता को उजागर करते हैं। अप्रैल में 5, मई में 9, जून में 7 और जुलाई में 16 लोग सांप के डसने का शिकार हुए। यह आंकड़ा केवल सदर अस्पताल का है—जबकि जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों और निजी क्लीनिकों के आंकड़े शामिल करें, तो कुल संख्या और भी अधिक हो सकती है।

सबसे ताजा घटना धरहरा थाना क्षेत्र के सखौल गांव से सामने आई है, जहां एक महिला लकड़ी के ढेर से लकड़ी निकाल रही थी, उसी दौरान एक सांप ने उसे डस लिया। समय रहते अस्पताल न पहुंच पाने और झाड़-फूंक में समय गंवाने की वजह से उसकी मौत हो गई।

डॉ. मो. फैजुद्दीन (सदर अस्पताल) का कहना है कि सांप काटने की स्थिति में झाड़-फूंक या घरेलू उपायों की जगह सीधे अस्पताल पहुंचना ही जीवन रक्षक साबित हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में अभी भी जागरूकता की कमी के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे मौत के मामले बढ़ रहे हैं।

जरूरत है जागरूकता बढ़ाने की, ताकि लोग झाड़-फूंक की बजाय वैज्ञानिक और त्वरित चिकित्सा सहायता की ओर बढ़ें और अपनी जान बचा सकें।

@ State Incharge Animesh Anand

Indian Crime News

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