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Chhattisgarh New : एक पेड़ मां के नाम बनाम अडानी के नाम।

छत्तीसगढ़ राज्य में एक पेड़ मां के नाम से लगाने वाली जो कहावत हो रही है वह खोखला साबित हो रही है जगह-जगह पेड़ लगाने का कार्य तो कर रही है सरकार छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है जिला स्तर पर हो रही है संभाग स्तर पर हो रही है

 ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़

पेड़ लगाने का काम पेड़ लगाने का काम हो रहा है मगर ऐसी स्थिति है कि इस पेड़ को काटने के लिए सरकार आदेश कर देती है सरकार आदेश कर देती है उन पेड़ों को काटने के लिए आदेश कर देती है इससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ने जा रहा है। एक तरफ राज्य सरकार में के कोई भी अतिथि आते हैं और चाहे राज्यपाल हो चाहे मुख्यमंत्री हो चाहे मंत्री हो चाहे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश चाहे हाई कोर्ट के न्यायाधीश चाहे निचली अदालत के आते और जाते हैं तो उन लोगों के द्वारा वृक्ष लगाई जाती है स्मृति में उनका तो रखरखाव नहीं कर पाती राज्य के कलेक्टर तहसीलदार एसडीएम जब कोई उद्योग की स्थापना के लिए आता है तो उसे राज्य सरकार मंजूरी दे देती है जो जांजगीर जिला हो चाहे रायपुर जिला हो चाहे बिलासपुर हो चाहे रायगढ़ हो चाहे कोरबा हो उन खाली जगह को जो की जहां जंगल रहता है उसे काटने की अनुमति देकर उद्योग स्थापना के लिए अनुमति दे देता है जैसे कि उदाहरण में अदानी को दे दिया है उद्योग स्थापना करने के लिए और वह वर्षों की कटाई कर रहा है यह कहां तक के उचित है यह राज्य सरकार ही जाने पर्यावरण की संतुलन को बनाए रखने के लिए जंगल की आवश्यकता रहती है जब जंगल ही नहीं रहेगा तो वर्षा कहां से होगी आज की स्थिति में यह हो रही है जहां जंगल था वाहन उद्योग लगा दिया गया उन जगह पर वर्ष की कमी हो रही हैं यह कहां तक के कहा जा सकता है कि एक पेड़ मां के नाम हमारे केएस के महानदी पावर प्रोजेक्ट नरियारा का उदाहरण है कि सरकारी जमीन जो की 320 एकड़ थी उसे भी कंपनी के हवाले कर दिया गया पूर्व सरपंच के द्वारा आज सरकारी जमीन कहीं नहीं रह गया जिसके चलते अवैध कब्जा को तोड़कर राज्य सरकार अपनी वह वही लूट रही है।

राज्य सरकार जब चुनाव आता है तो कहता है कि राज्य मेरा खुशहाल है यहां भरपूर पैदावार होती है यहां भरपूर वर्षा होती है मगर वर्षा इसलिए नहीं हो पाती कि राज्य सरकार जंगलों की कटाई करवाने में एक नंबर का सरकार है पेड़ लगाने के नाम से पीछे हटता है जहां वर्षा कम होगी वहां पैदावार भी कमजोर हो जाएगा क्योंकि वर्षा ही से जनजीवन चलता है सरकार वर्षा की चक्र को परिवर्तन करने में तुला रहता है जिसके कारण खंड वर्षा होती है और जहां वर्षा होनी चाहिए पहाड़ी इलाके में वर्षा बहुत ही कम होती है क्योंकि जहां वर्षा होती है पहाड़ी इलाका में वहां का पानी नीचे आ जाता है मैदानी इलाका में भी पानी कम रहता है। हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू कहते हैं कि जिस तरह से कहा जा रहा है एक पेड़ मां की नाम यह मां की गोद को सुन कर दिया जा रहा है जंगलों को काटकर और काटने के लिए सौंप दिया है राज्य सरकार अदानी कंपनी को जाओ तुम जंगल काटो और राज करो मैं तुमको पूरा छत्तीसगढ़ राज्य को दे दिया हूं। इसीलिए हमारे संवाददाता यह कहते हैं की एक पेड़ मां की नाम तो दूसरी अडानी के नाम से होते जा रहा है छत्तीसगढ़ राज्य का पूरा जंगल। क्योंकि राज्य सरकार को पैसे की भूख मरी है जितने भी उद्योग संचालित है उन उद्योगों में बाहरी व्यक्तियों को लिया जाता है छत्तीसगढ़ के रहने वाले व्यक्तियों को नहीं लिया जाता क्योंकि कमीशन पर उद्योग स्थापित हो जाता है।

 

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