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Uttar Pradesh News शिवमहापुराण कथा के पहले दिन बही शिवभक्ति की बयार, भजनों पर झूमीं महिलायें

रिपोर्टर विवेक सिन्हा वाराणसी उत्तर प्रदेश

 

महाश्मशान के सामने गंगा तट पर स्थित डोमरी सतुआ बाबा आश्रम में बुधवार को शिवभक्ति की अलौकिक धारा प्रवाहित हुई। शिवमहापुराण कथा का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना। जैसे ही पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यास पीठ संभाली, चारों ओर “हर-हर महादेव” के जयकारे गूंज उठे।
कथा का शुभारंभ विधिवत थाल पूजन के साथ किया गया। पूजा के पश्चात थाल भगवान शिव को अर्पित किया गया। श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव से शिवमहापुराण कथा में डूबे रहे। आरती के साथ कथा का समापन हुआ, जिसके बाद महिलाओं ने नृत्य और भजनों के माध्यम से अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
“एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल”
पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिवमहापुराण के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा, “यह हमारा सौभाग्य है कि हम भगवान शिव की नगरी काशी में कथा का वाचन कर रहे हैं।” उन्होंने शिवभक्ति के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि एक लोटा जल से भगवान शिव की उपासना करने से सभी समस्याओं का समाधान संभव है।
भजनों पर झूम उठे श्रद्धालु
कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत भजन “तेरी काशी में हो भोले दिल दीवाना हो गया, एक तो तेरी नगरी प्यारी, दूसरी गंगा बहे” ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। इस भजन ने काशी और मां गंगा के महत्व को शिवभक्ति के अद्भुत संदर्भ में प्रस्तुत किया।
आध्यात्मिकता और भक्ति का संगम
डोमरी सतुआ बाबा आश्रम का यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिकता और काशी की सांस्कृतिक धरोहर का अनूठा अनुभव बन गया। महामंडलेश्वर सतुआ बाबा ने पंडित प्रदीप मिश्रा का स्वागत करते हुए इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने शिवभक्ति के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा और उत्साह को दर्शाया। यह आयोजन न केवल शिवमहिमा का गुणगान था, बल्कि वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को भी सजीव रूप में प्रस्तुत करने वाला रहा।

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