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Uttar pradesh News सार्वजनिक शौचालय की देखरेख के पैसे का बंदरबांट समूह के नाम से आवंटित शौचालय की देखरेख के स्थान पर रखा गया दूसरा आदमी नौ हजार रुपये की जगह मात्र 1500 हो रहा भुगतान

ब्यूरो चीफ सुनील कुमार जायसवाल  यूपी

आपको बता दें जैसा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार द्वारा व्यक्तिगत शौचालय के अलावा हर गाँव में एक सार्वजनिक शौचालय व पिंक शौचालय का भी निर्माण कराया गया है जिससे खुले में शौच को पूरी तरह से रोकते हुए स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाया जा सके और कहीं न कहीं यह अभियान और पहल सार्थक भी होती दिख रही है परन्तु कुछ गाँव में स्वच्छ भारत मिशन की सरेआम धज्जियां उड़ाते देखा जा रहा है और सार्वजनिक शौचालय के साथ ही साथ पिंक शौचालय के होते हुए भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधि और योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी देख रहे कर्मचारी और अधिकारी ही स्वस्थ भारत मिशन को पलीता लगाने में लगे हुए हैं और सरकारी धन और स्वच्छ भारत मिशन को निर्गत होने वाले रुपये का बंदरबांट कर मालामाल हो रहे हैं और सार्वजनिक व पिंक शौचालय की देखरेख का जिम्मा खुद उठाने के नाम पर धन निकासी कराकर व्यवस्था को जैसे जैसे छोड़ दे रहे हैं ऐसा ही एक मामला नौतनवा ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम सभा रामनगर में देखने को मिला जहाँ स्वयं सहायता समूह के नाम पर आवंटित देखरेख की जिम्मेदारी के स्थान पर प्रधान द्वारा स्वयं के एक व्यक्ति की तैनाती की गई है जिसे मात्र 1500 रुपये प्रतिमाह देकर शेष धनराशि का हो रहा बंदरबांट
वहीं वी डि यो से संपर्क करने पर वी डी ओ ने बताया कि दोषी पाए जाने पर उनके ऊपर कार्रवाई किया जाएगा

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