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Chhattisgarh News मुख्य नगर पंचायत अधिकारी कार्यालय से नादरद।

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़

अकलतरा। छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर-चांपा जिला के अधीन अकलतरा नगर पालिका के अधिकारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी कार्यालय से नदारद संबंधित अधिकारी से मुलाकात करने के लिए आम जनता एवं पत्रकार संबंधित कार्यालय में जाते हैं तो अधिकारी अपने चैंबर से गायब रहते हैं मुलाकात होता ही नहीं जिसके कारण आम जनता परेशान है क्योंकि हर कोई की परेशानी रहती है परेशानी को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारी के पास में शिकायत या अन्य काम से मुलाकात करने के लिए जाते हैं तो अधिकारी गायब रहते हैं संबंधित कर्मचारियों से पूछने पर यह पता चलता है कि नगर पालिका अधिकारी अपने घर में है फोन पर संपर्क करने पर मैं ऑफिस में हूं कहकर टालने में मशहूर हो चुके हैं अधिकारी जब जाते हैं तो चेंबर खाली रहता है यही विडंबना है कि नगर पालिका अधिकारी सौरभ तिवारी हमेशा गायब रहते हैं अपने कार्यालय से तथा समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता।

संबंधित अधिकारी को दो नगर का अधिकारी नियुक्त किया गया है अकलतरा एवं नरियारा का नरियारा में भी आते नहीं है सबसे बड़ी विडंबना यह है कि नगर पंचायत नरियारा बन चुका है मगर किसी भी प्रकार की अधिकारी कर्मचारी की व्यवस्था नहीं है जो भी अधिकारी कर्मचारी है अकलतरा प्रभार वाले हैं नरियारा प्रभार को क्षणिक देखते हैं और जब अकलतरा जाने पर वहां पर भी अधिकारी कर्मचारी से मुलाकात नहीं हो पाती जिससे समस्याओं का निराकरण नहीं होता जिससे जनता परेशान है।


हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू जब नगर पालिका अकलतरा गए थे मुलाकात करने के लिए तो अधिकारी अपने चैंबर से गायब थे इसलिए मुलाकात करने गए थे कि हमारे संवाददाता जिस जगह पर रहते हैं उसे जगह को भी नगर पंचायत के रूप में विशेष दर्जा दिया गया है और नरियारा नगर पंचायत का शुभारंभ भी हो चुका है जिसके चलते जब अधिकारी नरियारा में नहीं है तो अधिकारी अकलतरा में होगा यह समझकर मुलाकात करने के लिए गए थे हमारे संवाददाता तो वहां पर भी गायब अधिकारी।

हमारे संवाददाता का यह भी कहना उचित है कि नरियारा नगर पंचायत के लिए नगर पालिका अधिकारी नया होना चाहिए नए कर्मचारी होना चाहिए हर चीज नया होना चाहिए तभी तो नगर पंचायत नरियारा चल पाएगा अन्यथा जो नगर पंचायत हो चुका है उसे जबरन का ग्राम पंचायत के रूप में फिर से लाना पड़ जाएगा ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि जब अधिकारी दोनों जगह ही ध्यान नहीं दे रहे हैं तो किस काम का अधिकारी बना हुआ है और कैसे कर्मचारी है जो कि दोनों स्थान अकलतरा नरियारा का कामकाज को निपटाना नहीं चाहते।

इस तरह से हमारे संवाददाता ने बताया की कार्यालय की क्या व्यवस्था है जहां पर की अधिकारी ही नहीं तो कर्मचारी भी नहीं रहते और उन अधिकारी कर्मचारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो जाता है कोई मंत्री का आदमी तो को विधायक का आदमी ऐसा कह कर बचा दिया जाता है जिसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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