Rajasthan News अपनी बुद्धि की शुद्धि कर सिद्धि प्राप्त करें – आचार्य जिनेंद्र प्रभु सूरी

रिपोर्टर आत्माराम सैनी ब्यावर राजस्थान
झूठा रायपुर राजस्थान में चातुर्मास हेतु पधारे अष्टप्रभावक आचार्य विजय नरेंद्र सूरी ने स्रोत की विवेचना करते हुए मंत्र, मुद्रा, मूर्ति, मंदिर और मन मस्तिष्क एवं मुखमंडल का वर्णन किया ।
आचार्य विजय जिनेंद्र प्रभु सूरी ने प्रवचन में कहा कि मनुष्य के पास अद्भुत बुद्धि है विकसित बुद्धि से ही मनुष्य ने वैज्ञानिक विकास किया है बुद्धि से केवल विलास ढूंढना विनाशकारी है बुद्धि उलझने के लिए नहीं बल्कि प्रश्नों को सुलझाने के लिए हैं विद्वान व्यक्ति की सर्वत्र पूजा होती हैं तनबल, धनबल, मनबल से बढ़कर बुध्दिबल है ।

आचार्य श्री जिनेंद्र प्रभु सूरी ने आगे कहा कि इतिहास में अभय कुमार मंत्री का वर्णन आता है कि बंधन मुक्ति के लिए अभय कुमार ने अनेक उपायों का उपयोग किया ।
बुद्धि का प्रयोग कर सहयोग भावना बढ़ाओ । प्रवचन में प्रश्न उत्तर से श्रोताओं का ज्ञान योग में उत्साहवर्धन किया गया। धर्म सभा में गणपत राज बोहरा धर्मीचंद तातेड़ मानमल मेहता गौतम चंद लोढ़ा मुकनराज बोहरा गौतम मुथा कमलेश बोहरा अमरचंद जांगिड़ बग़दाराम दर्जी लालचंद सोनी गौतम सोनी मुकेश शर्मा आदि जन मौजूद थे


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