ई-रिक्शा चालकों के लिए झारखंड टोटो संघ ने मांगी क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली, एसएसपी ने दिया आश्वासन

👉 धनबाद में ई-रिक्शा चालकों की पहचान होगी डिजिटल, टोटो संघ ने रखी मांग
👉 4,000 से अधिक ई-रिक्शा चालकों के लिए बनेगा एकीकृत डेटा बेस, प्रशासन से टोटो संघ की पहल
👉 क्यूआर कोड से होगी ई-रिक्शा चालकों की पहचान, अपराध नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन में मिलेगी मदद
धनबाद, झारखंड — झारखंड ई-रिक्शा टोटो संघ का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को एसएसपी प्रभात कुमार से मिला और ई-रिक्शा चालकों के लिए आधार और क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली लागू करने की मांग रखी। संघ ने इस संबंध में उपायुक्त (डीसी) को ज्ञापन भी सौंपा।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि फिलहाल धनबाद शहर में प्रतिदिन लगभग 4,000 से अधिक ई-रिक्शा संचालित होते हैं, लेकिन अधिकांश चालकों का कोई औपचारिक रिकॉर्ड प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। इससे अपराध नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
समाधान के तौर पर संघ ने सुझाव दिया कि प्रत्येक ई-रिक्शा चालक के लिए क्यूआर कोड युक्त डिजिटल पंजीकरण प्रणाली लागू की जाए। इस प्रणाली में चालक का नाम, लाइसेंस विवरण, आधार संख्या, ब्लड ग्रुप और अन्य आवश्यक जानकारी एक सुरक्षित डेटाबेस में दर्ज रहेगी। इससे असली और फर्जी चालकों की पहचान करना आसान होगा तथा किसी भी आपात स्थिति में चालक की जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकेगी।
एसएसपी प्रभात कुमार ने इस पहल को सराहनीय बताया और कहा कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाने पर विचार करेगा।
प्रतिनिधिमंडल में बैभव सिन्हा (संरक्षक), अनिल यादव (प्रदेश अध्यक्ष), शैलेश कुमार (महासचिव), मुन्ना कुशवाहा (संस्थापक), पवन साव (मंडल अध्यक्ष, धनसार) और उमाशंकर पांडेय (मंडल अध्यक्ष, डिगवाडीह) शामिल थे।



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