दीपावली का बड़ा तोहफा, राजस्थान में 25 साल बाद बिजली सस्ती, उपभोक्ताओं और उद्योगों को बड़ी राहत
दीपावली का बड़ा तोहफा, राजस्थान में 25 साल बाद बिजली सस्ती, उपभोक्ताओं और उद्योगों को बड़ी राहत
सत्यनारायण इंडियन क्राइम रिपोर्टर
जयपुर। प्रदेशवासियों के लिए इस दीपावली पर बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राजस्थान डिस्कॉम्स (जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण निगम) ने 25 वर्षों में पहली बार बिजली के शुल्क में कमी की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत की गई टैरिफ याचिकाओं पर राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने सहमति दे दी है। इस निर्णय से न केवल आमजन को बल्कि उद्योगों को भी सीधी राहत मिलेगी और बिजली उपभोग की लागत कम होगी।
डिस्कॉम्स ने इस बार उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देते हुए जटिल टैरिफ संरचना को सरल बनाया है। पहले अलग-अलग उपभोक्ता श्रेणियों पर कई तरह के शुल्क लगते थे, लेकिन अब मल्टीपल चार्जेज कम करके उन्हें एकीकृत कर दिया गया है। खास बात यह है कि घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर लघु, मध्यम और वृहद औद्योगिक श्रेणी तक सभी को शुल्क में कमी का लाभ मिलेगा।
घरेलू श्रेणी में फिलहाल प्रदेश के 1 करोड़ 35 लाख उपभोक्ता पंजीकृत हैं। इनमें से 1 करोड़ 4 लाख उपभोक्ता मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना का लाभ ले रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रति माह 100 यूनिट तक उपभोग करने वाले 62 लाख उपभोक्ताओं को कोई बिल नहीं देना पड़ता। इन पर प्रस्तावित रेगुलेटरी सरचार्ज का बोझ भी राज्य सरकार वहन करेगी।
वहीं, घरेलू श्रेणी में 51 से 150 यूनिट उपभोग करने वाले करीब 35 लाख उपभोक्ताओं को राहत दी गई है। पहले इन पर 6 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट का शुल्क लागू था, जिसे अब घटाकर 6 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है। यानी उपभोक्ताओं को सीधे 50 पैसे प्रति यूनिट की बचत होगी। इसी तरह 150 से 300 यूनिट स्लैब वाले उपभोक्ताओं को 35 पैसे प्रति यूनिट की राहत दी गई है।
उद्योगों के लिए भी यह बदलाव बड़ा तोहफा साबित होगा। पहले वृहद औद्योगिक श्रेणी में 7 रुपये 30 पैसे प्रति यूनिट शुल्क लिया जाता था, जिसे घटाकर 6 रुपये 50 पैसे कर दिया गया है। मध्यम श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 7 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क लगता था, अब इसे भी घटाकर 6 रुपये 50 पैसे कर दिया गया है। वहीं स्मॉल इंडस्ट्रियल कैटेगरी में पहले दो अलग-अलग दरें लागू थीं—6 रुपये और 6 रुपये 45 पैसे प्रति यूनिट। इन्हें मिलाकर अब एकसमान दर 6 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है।
डिस्कॉम्स का मानना है कि इस कदम से एक तरफ जहां आमजन को राहत मिलेगी, वहीं उद्योगों को प्रतिस्पर्धा और उत्पादन में भी प्रोत्साहन मिलेगा। लंबे समय बाद विद्युत शुल्क में की गई यह कटौती प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ निवेश के लिए भी अनुकूल माहौल तैयार करेगी।


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