विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जिला कटनी द्वारा 1 दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन 🚩
कटनी (20 जुलाई) – विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल, जिला कटनी द्वारा आज एक दिवसीय अभ्यास वर्ग का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन हिंदू संस्कारों, राष्ट्रभक्ति एवं संगठनात्मक मजबूती को समर्पित रहा, जिसमें जिले भर के कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
🔸 कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार व दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके पश्चात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं विहिप पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
🔸 मुख्य विषयों में धार्मिक जागरूकता, गौ रक्षा, लव जिहाद से बचाव, राष्ट्रहित में युवाओं की भूमिका आदि पर विशेष सत्र आयोजित किए गए।
🔸 बौद्धिक सत्रों में वक्ताओं ने हिंदू समाज को संगठित करने, मंदिरों की सुरक्षा, संस्कृति रक्षा एवं सामाजिक समरसता पर प्रेरक उद्बोधन दिए।
🔸 शारीरिक प्रशिक्षण सत्र में युवाओं को आत्मरक्षा, अनुशासन एवं सेवा कार्यों के लिए तैयार किया गया।
📍 जिला संयोजक, विभाग प्रमुख, प्रखंड प्रभारी, एवं अन्य दायित्ववान कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से कार्यक्रम में ऊर्जा और संगठनात्मक मजबूती का संचार हुआ।
👉 कार्यक्रम का उद्देश्य – “युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय करना और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए उन्हें मानसिक, शारीरिक एवं वैचारिक रूप से सशक्त बनाना।”
🗣️ कार्यक्रम में यह संदेश गूंजता रहा – “हम हैं हिंदू, हिंदुस्तान हमारा है!” “बजरंग दल का एक ही नारा – सेवार्थ समर्पण हमारा!”
यह रही विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जिला कटनी
एक बच्चा अभ्यास वर्ग में आया और पहले दिन ही बोला – “अंकल! ये ‘संघटनात्मक अनुशासन’ बहुत मुश्किल है… मैं तो ‘संघ’ में आया था, समझा ‘संडे क्लास’ होगी!”
कार्यकर्ता मुस्कराए और बोले – “बेटा, यहाँ संस्कार मिलते हैं, आराम नहीं!”
बजरंग दल का एक कार्यकर्ता अपने दोस्त से बोला – “भाई अब मैं हर हाल में समाज सेवा करूँगा!”
दोस्त: “कब से?” कार्यकर्ता: “जैसे ही मॉर्निंग फिजिकल ट्रेनिंग से छुट्टी मिले!”
प्रेरक कहानी 1 – “हनुमान जैसा समर्पण”
एक बार एक युवा कार्यकर्ता ने वरिष्ठ कार्यकर्ता से पूछा – “मैं छोटा हूं, अकेले क्या कर सकता हूं?”
वरिष्ठ बोले – “हनुमान जी ने जब सीता मां की खोज शुरू की थी, तब भी अकेले थे… लेकिन उनके अंदर समर्पण और संकल्प की अग्नि थी।”
युवा ने उसी दिन से अभ्यास वर्ग में पूरे मन से भाग लेना शुरू किया।
प्रेरक कहानी 2 – “चिंगी की आग”
संगठन में एक नए कार्यकर्ता से किसी ने कहा – “तुम अकेले क्या बदल दोगे?”
उसने जवाब दिया – “दीया अकेला होता है, लेकिन अंधेरा मिटा देता है।”
बस फिर क्या था – अभ्यास वर्ग में उसने अनुशासन, सेवा और संस्कार का ऐसा उदाहरण पेश किया कि सब प्रेरित हो उठे।