**दुष्ट दक्ष को अपनी करनी का फल मिला आचार्य देवेश शास्त्री**
इटावा।स्थानीय कटरा सेवाकली स्थित महाकालेश्वर मंदिर में चल रही शिव महापुराण कथा के अंतर्गत आज शुक्रवार को कथा वाचक आचार्य देवेश अवस्थी शास्त्री जी ने भगवान भोलेनाथ के क्रोध से उत्पन्न वीरभद्र और महाकाली द्वारा दक्ष प्रजापति के यज्ञ को ध्वस्त करने तथा वहां उपस्थित गंधर्व देवताओं और ऋषि मुनियों को मारते हुए वीरभद्र के द्वारा दक्ष प्रजापति का सिर उखाड़कर यज्ञ में डाले जाने का प्रसंग सुनाया।
श्री शास्त्री जी बताया कि इस के बाद सभी देवी देवताओं ने भगवान भोलेनाथ का स्तुति के द्वारा आवाहन किया भोलेनाथ ने प्रकट होकर सारे वृतांत को जानकर अपने क्रोध को प्रकट करते हुए कहा कि दुष्ट दक्ष को अपनी करने का फल मिल गया है। देवताओं में प्रार्थना कि हे भोलेनाथ भगवान ब्रह्मा जी के मानस पुत्र का अंत होने से सृष्टि रचना का व्यतिक्रम हुआ है उसे सुधारने की कृपा करें। भोलेनाथ ने देवताओं के साथ दक्ष की यज्ञशाला में जाकर दिवस दृश्य देखा उन्होंने वहां मृत पड़े देवताओं गंधर्व और ऋषि मुनियों को जीवन दान दिया और फिर दक्ष के धड़ को दिखा जिसका कर यज्ञ में भस्म हो चुका था शिव ने बकरे का सिर जोड़कर प्रजापति दक्ष को पुनर्जीवित कर दिया फिर दक्ष ने भगवान भोलेनाथ स्तुति की। आज के आयोजन में साहित्य का सुरेश दुबे भजन गायक राधेश शर्मा पुजारी सन्तोष चौबे सहित लगभग 5 दर्जन श्रद्धालु शिव भक्त उपस्थित रहे।