माहे मोहर्रम का आगाज इस्लामिक साल की शुरूआत ! _________
इस्लाम की शुरूआत कुर्बानी से शुरु हुई !और कुर्बानी पर खत्म हुई !मुहर्रम मै हज़रत इमाम हुसैन और आप के 72 साथी शहीद हुए!और माहे जिलहिज्अ मै हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे इस्माइल अलैहिस्सलाम की कुर्बानी पेश की
इस्लामी कैलेंडर 1446 हिजरी सन की शुरुआत हो गई और काबा का गिलाफ़ तब्दील कर दिया गया ।काबा के गिलाफ़ का रंग खिलाफत ऐ अब्बासिया के खलीफा नासिर ने लगभग 600 हिजरी में काले रंग का गिलाफ़ इस्तेमाल किया जो आज तक चला आ रहा है।
नबी सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फ़तह मक्का के बाद सबसे पहले सफेद और सुर्ख रंग का गिलाफ़ इस्तेमाल किया।
आप सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के बाद हज़रत अबु बक्र और हज़रत उमर रज़ि0 के दौर में सफेद का रंग का गिलाफ़ इस्तेमाल हुआ।
फातमी दौर में गिलाफ़ ऐ काबा ज़र्द रंग का इस्तेमाल होता था।
हर दौर में हुक्मरानों ने बैतूल माल के हिसाब से कपड़े और रंग का इस्तेमाल किया।
अब्बासी खलीफा नासिर ने पहले सब्ज़ रंग का गिलाफ़ बनवाया उसके बाद काले रंग का गिलाफ़ इस्तेमाल किया जो आजतक चला आ रहा है।
काले रंग का गिलाफ़ जो तवील सालों से चला आ रहा है। इस रंग के पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि यह रंग जल्दी गंदा नही होता है क्योंकि हाजी जब हज करने या उमरा करने आते है। तो काबा को हाथ लगाते है सफेद या अन्य रंग जल्दी गंदे हो जाते है लेकिन काला रंग जल्दी मैला नही होता है!हमे इस महीने का एहतराम करना चाहिए! और जरूरतमंद लोगो की मदद करनी चाहिए!इबादत और जीकर, ओ फिक्र मै वक्त लगाना चाहिए! दस्तर खान वसी करें। भूखे को खाना, प्यासे को पानी, और नंगे को कपड़े दे कर मदद करना बहुत सवाव का काम है।
खादिम
डॉक्टर इफ्तेखार अहमद कुरैशी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कुरेश कॉन्फ्रेंस रजिस्टर्ड उत्तर प्रदेश