2016 में मिली थी मंज़ूरी, अब तक धीमी गति से चल रहा काम, लॉजिस्टिक हब और एमएसएमई इकाइयों की योजना जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता बनी विकास में सबसे बड़ी बाधा
कटनी. औद्योगिक दृष्टिकोण से पिछड़े हुए जिले के लिए एक बड़ी उम्मीद सेमरा में बनने वाला इंडस्ट्रियल पार्क है। यह परियोजना जिले के औद्योगिक मानचित्र को नया आकार देने की क्षमता रखती है। एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) द्वारा इस पार्क के विकास के लिए 135 हेक्टेयर भूमि पर काम किया जा रहा है। हालांकि परियोजना की मंजूरी वर्ष 2016 में ही मिल चुकी थी, लेकिन अब तक इसकी रफ्तार बेहद धीमी रही है।
वर्तमान में इंडस्ट्रियल पार्क के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसमें अनुमानित 6 माह का समय लगेगा। इसके बाद ही भूमि विकास, आधारभूत संरचना निर्माण (रोड, ड्रेनेज, जल पाइपलाइन, बिजली आपूर्ति) आदि कार्यों की शुरुआत की जाएगी। सेमरा इंडस्ट्रियल पार्क कटनी के लिए सुनहरा अवसर है, लेकिन जब तक स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर सक्रिय भागीदारी नहीं निभाएंगे, तब तक यह परियोजना भी कागजों और घोषणाओं में ही सिमट कर रह जाएगी। ज़रूरत है मजबूत नीति, तेज क्रियान्वयन और ज़मीनी निगरानी की, ताकि जिले की तस्वीर बदली जा सके।
350 से 400 इकाइयों के लिए स्थान
इस औद्योगिक पार्क में 350 से 400 छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना की योजना है। इनमें राइस मिल, दाल मिल, फर्नीचर निर्माण इकाइयां, मशीन पार्ट्स, पैकेजिंग, प्रोसेसिंग यूनिट्स आदि शामिल होंगे। विशेष बात यह है कि 20 प्रतिशत प्लांट सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए आरक्षित रखे जाएंगे, जिससे स्थानीय उद्यमियों को आगे बढऩे का मौका मिलेगा।
32.63 हेक्टेयर में बनेगा लॉजिस्टिक हब
औद्योगिक पार्क के भीतर 32.63 हेक्टेयर भूमि लॉजिस्टिक हब के लिए आरक्षित की गई है, जिसमें वेयरहाउस कॉरपोरेशन द्वारा भंडारण गोदामों, कोल्ड स्टोरेज और वितरण केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। इससे उद्योगों को कच्चा माल और तैयार माल के परिवहन में सुविधा होगी।
स्थानीय स्तर पर सुस्ती
परियोजना के 8 साल बीतने के बाद भी अब तक कोई ठोस निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसकी एक प्रमुख वजह स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता मानी जा रही है। सेमरा इंडस्ट्रियल पार्क को बार-बार मुद्दा बनाया गया, लेकिन जीत के बाद राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण प्रगति अवरुद्ध रही। विकास कार्यों के जानकारों का मानना है कि यदि योजना को समय पर लागू किया जाए, तो यह न सिर्फ रोजगार के हजारों अवसर पैदा करेगा, बल्कि कटनी को औद्योगिक जिलों की कतार में ला सकता है। लॉजिस्टिक हब, एमएसएमई इकाइयों और आधारभूत सुविधाओं के बेहतर समावेशन से यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।