प्रशासन की तत्परता की हो रही सराहना

कटनी जिले के ग्राम खरखरी को मिली बड़ी सौगात: वर्षों पुरानी पेयजल समस्या का समाधान, समर्सिबल पंप की स्थापना से लौटी खुशियां
कटनी, मध्यप्रदेश:
कटनी जिले की रीठी तहसील के अंतर्गत आने वाले खरखरी ग्राम पंचायत खरखरीनं. 2 के निवासियों के लिए आज का दिन किसी त्योहार से कम नहीं रहा। वर्षों से पेयजल संकट से जूझ रहे इस गांव में अब जीवनदायिनी पानी की धार बहने वाली है जिला प्रशासन की त्वरित और संवेदनशील पहल से गांव में समर्सिबल पंप की स्थापना कर दी गई है, जिससे गांव में वर्षों से फैली जल त्रासदी का अंत होने वाला है।
पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसते थे ग्रामीण
गांव के बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक बीते महीनों से पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे थे। कई बार तो ग्रामीणों को दूर-दराज के हैंडपंप या अन्य जगह से पानी लाना पड़ता था। इस जल संकट के चलते लोगों का जीवन दूभर हो गया था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि गर्मी के मौसम में बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया था।
ग्रामीणों ने मिलकर उठाई आवाज, प्रशासन ने दिखाई संवेदनशीलता
गांववासियों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को आवेदन सौंपा और समर्सिबल पंप स्थापना की मांग की। उनका कहना था कि बजट और स्वीकृति पहले ही मिल चुकी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर पंचायत की उदासीनता के चलते कार्य अटका हुआ था। जैसे ही यह बात जिला प्रशासन तक पहुंची, तत्काल प्रभाव से कार्यवाही शुरू की गई।
अब गांव में बहने वाला है उम्मीदों का जल
जैसे ही समर्सिबल पंप की स्थापना हुई पूरे झंडा चौक में खुशी की लहर दौड़ी बुजुर्गों ने इसे ‘जीवन की सबसे बड़ी राहत’ बताया। अब हर घर तक साफ, स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचेगा
प्रशासन की तत्परता की हो रही सराहना
गांव के लोगों ने जिला कलेक्टर एवं संबंधित अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि “आज प्रशासन ने साबित कर दिया है कि अगर जनता की आवाज ईमानदारी से उठाई जाए, तो उसका समाधान भी जरूर होता है।”
अब विकास की उम्मीदें भी जगीं
पेयजल संकट से राहत मिलने के बाद अब गांव में अन्य विकास कार्यों की भी उम्मीदें जगी हैं। ग्रामीणों का मानना है कि अगर इसी तरह शासन-प्रशासन की सक्रियता बनी रही, तो आने वाले समय में खरखरी गांव भी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकेगा।
ग्रामीणों की चिंता बढ़ी
:क्षेत्र में पेयजल संकट को दूर करने के लिए हाल ही में एक नया सबमर्सिबल पंप स्थापित किया गया है, लेकिन बोरवेल में अत्यधिक मलबा होने के कारण पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है। इस तकनीकी रुकावट से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से पंप की स्थापना का कार्य तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन बोरवेल में जमा मलबा — जिसमें मिट्टी, पत्थर और अन्य अवशेष शामिल हैं — पानी के बहाव में रुकावट बना हुआ है। इससे न तो पंप से पानी ऊपर आ रहा है और न ही लोगों की प्यास बुझने की उम्मीद पूरी हो पा रही है।
गांव के निवासियों का कहना है कि गर्मी के मौसम में जलस्तर पहले ही काफी नीचे चला गया है, ऐसे में पंप लगने से उन्हें राहत की उम्मीद थी। लेकिन अब मलबा साफ न होने के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बोरवेल की सफाई के लिए जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। “हमें जानकारी मिली है कि बोर में मलबा जमा है। हम जल्द ही फ्लशिंग या एयर-कंप्रेसर तकनीक से सफाई कराकर पानी की आपूर्ति बहाल करेंगे,” एक अधिकारी ने बताया।
निष्कर्ष
यह स्थिति दर्शाती है कि तकनीकी समाधान तब तक प्रभावी नहीं हो सकते, जब तक ज़मीनी स्तर पर समस्याओं की पूरी तरह जांच और समाधान न किया जाए। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन कब तक इस समस्या को हल कर ग्रामीणों को राहत पहुंचा पाता है