ब्रेकिंग न्यूज़

Odisha News मुखबिर- किरण पात्रा (47) पुत्र- के.आर पात्रा, प्लॉट नंबर 484(पी) शहीद नगर, वेटनरी अस्पताल के पीछे, थाना। शहीद नगर, भुवनेश्वर, जिला- खोरधा।

रिपोर्टर मनोज कुमार बलियारसिंह ओडिशा

अब तक की जांच में पता चला है कि मेसर्स पीजीएस के नाम से एक पंजीकृत कंपनी है, जिसका पंजीकृत कार्यालय ग्रांड रोड, पुरी में है। आरोपी अजय अग्रवाल (42) पुत्र श्यामसुंदर अग्रवाल और उनकी पत्नी श्रीमती मनीष अग्रवाल (41) निवासी ग्रांड रोड, पीएस- कुंभारपाड़ा, पुरी कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर थे। कंपनी ने मौजा सिपासरुबाली में प्लॉट नंबर 312/670, खाता नंबर 142/141 पर दो मंजिला आवासीय भवन का निर्माण किया था। इस भवन का नाम “आसियाना अपार्टमेंट” रखा गया था, जिसका नक्शा पीकेडीए से स्वीकृत था। आरोपी अजय अग्रवाल और श्रीमती मनीषा अग्रवाल कंपनी की मैनेजिंग पार्टनर थीं। इससे पहले उन्होंने यही फ्लैट नंबर 204 (दूसरी मंजिल) श्रीमती नीरू दुबे को आरएसडी डीड नंबर 2147 दिनांक 29.05.2009 के जरिए बेचा था। मनीषा अग्रवाल, मेसर्स पीजीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी की प्रबंध साझेदार होने के नाते, दोनों फैट्स को दूसरी बार बेईमानी और धोखाधड़ी से बेचने का इरादा रखती थीं। उन्होंने शिकायतकर्ता किरण पात्रा के साथ 49,92,000 रुपये की कीमत पर एक समझौता किया। दिनांक 10.09.2011 को, दोनों आरोपियों ने उक्त फ्लैटों के लिए एक कब्जा पत्र दिया, इस शर्त के साथ कि आंतरिक कार्य पूरा होने के बाद भौतिक कब्जा दिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने अपनी निहित सहमति दी और शर्त स्वीकार कर ली। आरोपी व्यक्ति शिकायतकर्ता को उन फ्लैट्स नंबर- 404 और 405 को आईडीबीआई बैंक, जनपथ, शाखा, भुवनेश्वर के साथ बंधक रखने के लिए मनाने में कामयाब रहे। तदनुसार, 29.08.2011 को प्रबंध साझेदारों द्वारा शिकायतकर्ता के साथ एक समझौता किया गया आरोपी अजय अग्रवाल ने अन्य आरोपियों के साथ मिलीभगत करके फील्ड सत्यापन उचित दस्तावेजीकरण के संबंध में बैंक के मार्गदर्शन की अनदेखी की और संपत्ति की वर्तमान स्थिति का पता लगाए बिना ऋण को मंजूरी दे दी, इस शर्त के साथ कि भूमि 30 अगस्त 2013 के आसपास पंजीकृत होगी। बैंक ने शिकायतकर्ता के पक्ष में उक्त फ्लैट नंबर- 404 और 405 के लिए 42,70,000 रुपये का गृह निर्माण ऋण मंजूर किया। शिकायतकर्ता ने बैंक चेक नंबर 058158 (एक्सिस बैंक) दिनांक 13 अगस्त 2011 के माध्यम से 7,22,000 रुपये, चेक नंबर 058166 दिनांक 26 अगस्त 2011 के माध्यम से 2,92,000 रुपये के माध्यम से आरोपियों को 14,44,000 रुपये का भुगतान किया था और पावती रसीदों पर 4,30,000 रुपये नकद भी दिए थे। बैंक ने 30.03.2011 को आरोपी के बैंक खाते में खाता संख्या 403102000213 के माध्यम से 38,00,000 रुपये का गृह निर्माण ऋण जमा किया, जबकि ऐसे फ्लैटों का पंजीकरण नहीं हुआ था। बैंक के नियमों के अनुसार, ऋण राशि की वसूली होने तक बिक्री विलेख को बैंक के पास गिरवी रखना अनिवार्य है। संदेह के चलते शिकायतकर्ता ने प्लॉट 312/670 का भार प्रमाण पत्र एकत्र किया और पाया कि संपत्ति पहले से ही थी। पुरी के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में बेचे और पंजीकृत किए गए। इन फ्लैटों को पहले पंजीकृत किया गया था आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बैंक ने शिकायतकर्ता से नवंबर से ईएमआई भी वसूल की है।2011 से 2020 तक कुल मिलाकर 25,06,452 रुपये। यह पता चला है कि आरोपी बिल्डर ने जानबूझकर और जानबूझकर 13.08.2011 को शिकायतकर्ता के साथ उस जमीन को बेचने के लिए समझौते तैयार किए, जो अब उनके स्वामित्व में नहीं है। उन्होंने धोखाधड़ी से लिखित में कब्जा दिया और भौतिक कब्जे का आश्वासन दिया। उन्होंने आईडीबीआई बैंक के बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके उक्त जमीन को गिरवी रखकर ऋण की व्यवस्था करने के लिए शिकायतकर्ता के साथ एक और समझौता भी तैयार किया। आरोपी व्यक्ति, अजय अग्रवाल, मेसर्स पीजीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी और अन्य ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके और दूसरी मंजिल पर फ्लैट नंबर 204 और 205 की स्थिति को सत्यापित किए बिना, धोखे से बैंक के माध्यम से ऋण राशि प्राप्त की। सभी आरोपी व्यक्तियों और शाखा प्रबंधक और बैंक कर्मचारियों ने एक आपराधिक साजिश रची और एक दूसरे के साथ मिलकर जानबूझकर और धोखाधड़ी से जाली दस्तावेज तैयार किए, उन्हें असली दस्तावेजों के रूप में इस्तेमाल किया ताकि वे उस संपत्ति को बेच सकें जो उनके पास नहीं थी। संपत्ति को गिरवी रखे बिना, बैंक कर्मचारियों (शाखा प्रबंधक) ने भूमि के स्वामित्व की उचित जांच किए बिना, उक्त फ्लैटों की खरीद के लिए 42,70,000 रुपये की राशि का गृह ऋण स्वीकृत किया। 30 मार्च 2011 को खाता संख्या 403102000213 के तहत आरोपी व्यक्तियों के खातों में ऋण राशि जमा की गई थी। बैंक ने शिकायतकर्ता से ईएमआई भी वसूल की। आरोपी की स्थिति:- अजय अग्रवाल (42) पुत्र लेफ्टिनेंट श्याम सुंदर अग्रवाल, 5वीं मंजिल, ग्रैंड आसियाना अपार्टमेंट, बड़ासंखा, हॉस्पिटल चौक के पास, पीएस- कुंभारपाड़ा, जिला-पुरी को आज यानी दिनांक 06.11.2024 को शाम 04.00 बजे गिरफ्तार किया गया और उसे माननीय अदालत के समक्ष भेज दिया गया।

Indian Crime News

Related Articles

Back to top button